भाजपा नेताओं का वादा हवा-हवाई, चीनी मिल नहीं खुलेगी भाई

गाजीपुर। झूठे निकले भाजपा नेताओं के वादे। नंदगंज चीनी मिल नहीं खुलेगी। बल्कि चीनी मिल की भूमि दूसरे उद्यमियों को आवंटित करने की तैयारी शुरू हो गई है।
जिला प्रशासन की ओर से बुधवार को जारी प्रेस नोट से यह बात साफ हो गई है। प्रेस नोट में कहा गया है- राज्य चीनी निगम लिमिटेड के अधीन बंद पड़ी नंदगंज चीनी मिल की भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने के संबंध में राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण कानपुर ने उद्यमियों से भूमि की मांग के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किया है। इच्छुक उद्यमी इस संबंध में अपने लेटर हेड पर वांछित भूमि के क्षेत्रफल सहित कार्यालय जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र गाजीपुर में किसी भी कार्य दिवस में जमा करा सकते हैं।
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याद करें कि पूर्व में तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, एमएलसी विशाल सिंह चंचल तथा विधायक डॉ.संगीता बलवंत चीनी मिल को चालू कराने की बात कह चुके हैं।
अपने साल 2014 के लोकसभा चुनाव अभियान में मनोज सिन्हा ने नंदगंज चीनी मिल चालू कराने का वादा किया था। तब चुनाव जीत कर वह केंद्र सरकार में रेलराज्य मंत्री व संचार राज्य मंत्री बने मगर चीनी मिल चालू नहीं हुई। ऐसा भी नहीं कि उनको अपना वह वादा याद नहीं रहा। नंदगंज क्षेत्र के ही चिलार में हुई जनसभा में वह अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में गाजीपुर में कराए गए विकास कार्यों को गिनाते हुए कहे थे-मैंने चुनाव पूर्व की एक जनसभा में भाजपा की सरकार बनने पर नंदगंज की चीनी मिल को शुरू कराने अथवा वहां उससे भी बड़ी परियोजना का निर्माण कराने का वादा किया था। अब वो समय आ गया है जब जनपद में चीनी मिल से बड़ी परियोजना को मूर्त रूप दिया जा सके। जल्द ही उस वादे को पूरा किया जाएगा।
एमएलसी विशाल सिंह चंचल महुआबाग स्थित अपने कैंप कार्यालय में मीडिया से मुखातिब हुए यहां तक कहे थे कि जिले की वर्षों से बंद पड़ी नंदगंज चीनी मिल चालू करने की घोषणा कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत ही बड़ा उपहार दिया है। बताए थे कि इस सिलसिले में वह लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलकर उनसे नंदगंज चीनी मिल तथा बहादुरगंज की कताई मिल को फिर से चालू कराने का वह आग्रह किए थे। उनका कहना था कि 25 वर्षों से बंद पड़ी नंदगंज चीनी मिल के फिर चालू होने से न सिर्फ गाजीपुर के बल्कि आसपास के जिलों के भी किसानों, बेरोजगारों को उसका भरपूर लाभ मिलेगा।
मनोज सिन्हा और चंचल सिंह के बाद नंदगंज चीनी मिल को पुन: खुलवाने की बात सदर विधायक डॉ. संगीता बलवंत ने दावे से कही। बताईं कि नंदगंज चीनी मिल चालू करने के लिए वह विधानसभा में नियम 301 के अंतर्गत मांग भी उठाई हैं। विधानसभा में वह कहीं हैं कि यह चीनी मिल 25 वर्षो से बंद है। उसके कारण गाजीपुर में रोजगार के अवसर घटे हैं एवं गन्ने की खेती दम तोड़ रही है। किसान हित में एक चीन मिल का पुन: चालू किया जाना अति आवश्यक है।
खैर मनोज सिन्हा साल 2019 का लोकसभा चुनाव हार गए और उप राज्यपाल बन कर जम्मू-कश्मीर जा चुके हैं लेकिन एमएलसी विशाल सिंह चंचल और विधायक डॉ.संगीता बलवंत यही हैं। उन्हें नंदगंज चीनी मिल को लेकर अपने वादे, दावे याद भी हैं या नहीं। यह तो नहीं मालूम लेकिन यह जरूर है कि नंदगंज चीनी मिल का मुद्दा अब हमेशा-हमेशा के लिए जरूर बंद हो जाएगा।