हद है! बीडीओ के बंगले पर ग्राम सेक्रेटरी का कब्जा

बाराचवर, गाजीपुर (यशवंत सिंह)। अमूमन यही शिकायत मिलती रहती है कि दबंगों ने अमूक की निजी बिल्डिंग पर कब्जा कर लिया है। यह शिकायत शायद ही कभी किसी ने सुना हो कि मातहतों ने अपने बॉस का सरकारी बंगला पर कब्जा जमा लिया है लेकिन बाराचवर ब्लाक मुख्यालय में कुछ ऐसा ही हुआ है और पंचायत प्रतिनिधियों, पंचायत कर्मियों में चर्चा का विषय बन गया है।
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ग्राम पंचायत अधिकारी मुकेश सिंह और अजीत गुप्त ब्लाक मुख्यालय परिसर में किसी और का नहीं बल्कि बीडीओ के ही बंगले पर काबिज हो गए हैं। उस दशा में बीडीओ शिवांकित वर्मा को जिला मुख्यालय पर किराये के मकान में रहना पड़ता है।
कुछ दिन पहले तक यह मामला सिर्फ बीडीओ के बंगले का ही नहीं बल्कि ब्लाक मुख्यालय परिसर में स्थित कई अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के भी आवास की रही है। दरअसल यह अधिकारी, कर्मचारी अपने लिए आवंटित उन आवासों में रहने के बजाए अपने खुद के घर अथवा नगरीय इलाकों में रहना पसंद करते रहे हैं जबकि उनके वेतन से आवासीय भत्ता भी कटता रहा है। इस आवासीय भत्ते की भरपाई के लिए वह अपने नाम आवंटित आवासों को ग्राम पंचायत अधिकारियों, ग्राम विकास अधिकारियों के जिम्मे कर दिए थे। उन आवासों को ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी अपने ऑफिस के रूप में इस्तेमाल करते रहे हैं। इसके एवज में उनको संबंधित अधिकारी के कटे आवासीय भत्ते की भरपाई करनी पड़ती रही है। जाहिर है कि वह ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी भी अपनी ग्राम पंचायतों में उपलब्ध रहने के बजाए ब्लाक मुख्यालय में ही अपना ऑफिस चलाते रहे हैं।
बीडीओ के पद पर तैनाती के बाद शिवांकित वर्मा को यह बात खटकी। पहले तो उन्होंने खुद अपने स्तर से आवासों को खाली कराने की कोशिश की मगर बात नहीं बनी तो यह मामला वह ऊपर तक ले गए। उसका परिणाम यह निकला कि अन्य आवास तो खाली हो गए मगर उनका खुद का आवास पर अवैध कब्जा बना रहा।
इस संबंध में बीडीओ के सरकारी बंगले पर काबिज ग्राम पंचायत अधिकारी मुकेश सिंह ने बताया कि उन लोगों ने बंगला खाली करने के लिए बीडीओ से तीन-चार दिन की मोहलत मांगी है। उधर बीडीओ ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि बंगले में बिजली, पानी की व्यवस्था दुरुस्त करानी होगी। उसके बाद ही वह उस बंगले में प्रवास करेंगे।