वह 18 घंटे तक पुल के पिलर का राड पकड़ कर गंगा में लटका रहा फिर…

गाजीपुर। खुदकुशी की कोशिश करने वालों में भी ऐन मौके पर अपनी जान के लिए मोह उपज आता है और जान बचाने के जतन में जुट जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ वृद्ध परदेसी खरवार (65) के साथ और उनका सौभाग्य ही रहा कि सकुशल बचा लिए गए। वह दिलदारनगर थाना मुख्यालय के पास के रहने वाले हैं।
हुआ यह था कि परदेसी खरवार अपने बेटों के रहन से आजिज आकर ऐन होली के दिन शुक्रवार को घर से निकले और हमीद पुल पर पहुंच कर खुदकुशी की नीयत से शाम करीब छह बजे पुल से गंगा में कूद पड़े और पूरी रात पुल के पिलर के निकले लोहे के छड़ को पकड़ कर पानी में लटके रहे। शनिवार को हमीद पुल के ठीक बगल में निर्माणाधीन रेल-सड़क पुल के मजदूरों की निगाह उन पर पड़ी। उसके बाद इसकी सूचना रजागंज पुलिस चौकी पर तैनात कांस्टेबल रोहित सिंह को मिली। वह बिना देर किए नाव लेकर पुल के उस पिलर के पास पहुंचे और दोपहर करीब 12 बजे रस्से के जरिए परदेशी को सकुशल किनारे पर लाए। फिर परदेशी के अपना हाल-मुकाम बताने पर उनके घर सूचना दी गई। उसके बाद परदेशी का बेटा आया और उन्हें घर ले गया।
वृद्ध परदेसी का पुल से सैकड़ों फीट नीचे छलांग लगाना और पानी की सतह पर पिलर का राड पकड़ कर 18 घंटे तक एक ही दशा में भूखे रहकर गंगा के पानी में लटके रहने की बात सुनकर हर कोई हैरान था। कुछ इसे ईश्वर का चमत्कार मान रहे थे। उधर परदेसी ने बताया कि खुदकुशी की यह उनकी दूसरी कोशिश थी। इसके पहले वह जहर खाए थे लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें बचा लिया था। अपने इस हालात के लिए वह पुत्रों तथा पत्नी को जिम्मेदार बता रहे थे।