गाजीपुर। प्रशासन मुख्तार अंसारी और उनके लोगों का पिंड जल्दी छेड़ने वाला नहीं है। उनकी बिल्डिंगों को ढहाने का खर्चा भी उन्हीं से वसूला जाएगा।

बिल्डिंगों को ढहाने के एसडीएम कोर्ट के आदेश में यह भी स्पष्ट कहा गया था कि संबंधित मालिकान खुद अपनी बिल्डिंग ढाह लें वरना प्रशासन उनको ढाहने के साथ ही उसका खर्च भी वसूल करेगा।

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एक प्रमुख अखबार की डिजिटल टीम से बातचीत में मास्टर प्लान के जेई अखिलेश ओझा ने कहा कि नगरीय सीमा का खर्च नगर पालिका और उसके बाहर हुए ध्वस्तीकरण का खर्च पीडब्ल्यूडी वसूल करेगा।

मालूम हो कि मुख्तार अंसारी का होटल गजल के अलावा शम्मे हुसैनी हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर तथा प्रॉपर्टी डीलर की बहुमंजिली बिल्डिंग ध्वस्त की गई है। इनमें सिर्फ होटल गजल नगरीय क्षेत्र में था और इनका ध्वस्तीकरण प्रशासन को ही करना पड़ा था।

मास्टर प्लान के जेई ने कहा कि ध्वस्तीकरण में आए खर्च का बिल नगर पालिका तथा पीडब्ल्यूडी मास्टर प्लान के ऑफिस में देंगे। उसके बाद वह बिल ध्वस्त बिल्डिंगों के मालिकानों को भेजी जाएगी। एक सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर संबंधित लोग बिल का भुगतान नहीं करेंगे तो उसकी वसूली के लिए राजस्व विभाग से उनके नाम आरसी जारी करवाई जाएगी। वैसे अभी बिल वसूली की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। वजह दो के मामले हाईकोर्ट में हैं। जहां गजल के मामले में ध्वस्तीकरण के बाद हाईकोर्ट के आए स्थगनादेश में मौके पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा गया है वहीं शम्मे हुसैनी हॉस्पिटल के मामले में पूर्ण ध्वस्तीकरण पर हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है। मालूम हो कि शम्मे हुसैनी हॉस्पिटल का ध्वस्तीकरण राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के नियमों की अनदेखी के आरोप में है जबकि अन्य दोनों बिल्डिंगे मास्टर प्लान के मानक की अनदेखी में ध्वस्त की गई हैं।