भाजपा की ‘खैरख्वाही’ में फंस गए तत्कालीन सीओ सहित 24 पुलिसकर्मी!

गाजीपुर। बीते लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान सत्ताधारी पार्टी भाजपा की ‘खैरख्वाही’ तत्कालीन सीओ जमानियां कुलभूषण ओझा सहित 24 पुलिसकर्मियों को महंगी पड़ गई है। उनके विरुद्ध सीजेएम सुनील कुमार ने धारा 156 (3) के तहत सुहवल थाने में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
सुहवल थाने के ढढ़नी भानमल राय के निवर्तमान ग्राम प्रधान धर्मेंद्र सिंह यादव गुड्डू के वाद पर सीजेएम ने शुक्रवार को यह आदेश दिया। हालांकि एसएचओ सुहवल सुदेश कुमार ने बताया कि फिलहाल उनके थाने पर फिलहाल कोर्ट का ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है।
धर्मेंद्र सिंह गुड्डू का आरोप है कि लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान 18 मई 2019 की रात 12 बजे तत्कालीन सीओ जमानियां ने फोन कर उन्हें कहा था कि वह अपना वोट डालने के बाद पोलिंग स्टेशन पर नहीं दिखें। अगर ऐसा हुआ तो उनको गंभीर परिणाम भुगतना होगा। उसके बाद 13 जून 2019 की रात 12 बजे तत्कालीन सीओ जमानियां की अगुवाई में नगसर के तत्कालीन थानाध्यक्ष अजीत पांडेय, एसआई सुहवल राजेश गिरि, तत्कालीन थानाध्यक्ष रेवतीपुर कृष्णलाल मिश्र, तत्कालीन दिलदारनगर थानाध्यक्ष विवेक कुमार श्रीवास्तव के अलावा सुहवल थाने के कांस्टेबल विरेंद्र बहादुर सिंह, राममिलन तिवारी तथा रघुवंश राय सहित 15 अज्ञात पुलिसकर्मी उनके घर छापा मारे घर का बाहरी दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे और महिलाओं संग गालीगलौज किए। उनकी मंशा उनको झूठे मामले में फंसाने और एनकाउंटर की थी।
मालूम हो कि तत्कालीन सीओ से खुद को फोन पर मिली धमकी की ऑडियो रिकार्डिंग को धर्मेंद्र यादव गुड्डू ने सोशल मीडिया पर वायरल भी किया था। उसके बाद विरोधी दलों ने अपने चुनाव अभियान में भाजपा पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए उसे मुद्दा भी बना दिया था।
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विरोधी दल तब भले तत्कालीन सीओ जमानियां कुलभूषण ओझा पर हमलावर हो गए थे लेकिन भाजपा के नेता न सिर्फ उनसे दूरी बना लिए थे बल्कि उसके बाद उनको जिले में चैन से रहने भी नहीं दिए थे। उनका तबादला गैर जिले के लिए करवा दिए थे। बाद में वह अपने स्तर से कोर्ट के जरिये तबादला रोकवा लिए थे लेकिन उन्हें जमानियां की जगह भुड़कुड़ा सर्किल की जिम्मेदारी सौपी गई थी। कुछ दिनों बाद वह वहीं से रिटायर होकर अपने घर चले गए।