जानवर कारोबारी को उसके ही साले ने उतारा था मौत के घाट, बेटे संग गिरफ्तार

गाजीपुर। थाना बहरियाबाद के चक फरीद गांव में अधेड़ जानवर कारोबारी अब्दुल कलाम कुरैशी की हत्या उसके गंदे चाल-चरित्र का नतीजा थी। इस मामले में वांटेड उनके साले मुस्तफा कुरैशी ने गिरफ्तारी के बाद यह राज खोला। इस हत्या में मुस्तफा का बेटा अरमान भी शामिल था। उसे भी गिरफ्तार किया गया है। हत्या बीते दस जून की रात हुई थी। हत्या के बाद बाप-बेटे शव को गांव के ही कब्रिस्तान में ले गए थे और फांसी लगाकर खुदकुशी का रूप देने के लिए एक पेड़ की डाल से उसे लटका दिए थे।
गिरफ्तार बाप-बेटे को पुलिस कप्तान डॉ.ओमप्रकाश सिंह ने बुधवार को मीडिया के सामने पेश किया। बताए कि पूछताछ में मुस्तफा ने बताया कि उसकी पत्नी पर मुस्तफा की बुरी नजर रखता था। फिर कारोबार के नाम पर उनके रुपये भी हड़प लिया था। इन हरकतों से आजिज आकर वह अपने बेटे के सहयोग से उसका गला घोंट दिया था।
इस कृत्य पर पर्दा डालने के लिए कब्रिस्तान में पेड़ से शव को लटका दिया था। फिर 11 जून की सुबह वह खुद थाने पहुंच कर बताया था कि तीन दिनों से लापता उसके बहनोई मुस्तफा ने कब्रिस्तान में पेड़ की डाल पर फांसी लगा ली है। हालांकि परिस्थिजन्य साक्ष्य उसकी कहानी को साफ झुठला रहे थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी साबित कर दी कि यह खुदकुशी नहीं कत्ल का मामला है। उसके बाद पुलिस कत्ल का मामला दर्ज की। उसी बीच मुस्तफा फरार हो गया लेकिन मंगलवार की शाम एसओ बहरियाबाद संजय कुमार उसी क्षेत्र के प्यारेपुर चौराहे से उसे धर दबोचे। उसकी सुरागकशी पर उसके बेटे अरमान को पकड़ा गया।
पुलिस कप्तान ने इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए एसओ बहरियाबाद संजय कुमार को शाबाशी देने के साथ ही अपनी ओर से दस हजार रुपये नकद इनाम की घोषणा भी की।
घरजमाई के रूप में चक फरीद में रहता था कलाम
गिरफ्तार मुस्तफा का बहनोई अब्दुल कलाम कुरैशी मूलतः थाना कासिमाबाद के बहादुरगंज कस्बे के वार्ड दस में मुहल्ला कसाब टोला का रहने वाला था। मुस्तफा की मूक-बधिर बहन आसमा उसकी दूसरी पत्नी थी। पहली पत्नी से उसका तलाक हो चुका था। वह संतानों संग बहादुरगंज में ही किराये के मकान में रहती है जबकि अब्दुल कलाम कुरैशी घर जमाई के रूप में दूसरी पत्नी आशमा संग उसके मायका चक फरीद में रहता था। वह बहादुरगंज स्थित अपने पुश्तैनी घर के हिस्से को बेच चुका था।