अरुण सिंह ने भी की व्यापारियों की वकालत

गाजीपुर। जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन अरुण सिंह शहर के व्यापारियों की मांग के पक्ष में हैं। उनका कहना है कि लॉक डाउन में दुकानें सहित अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद होने के कारण व्यापारियों के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है।
श्री सिंह एक हत्या के कथित मामले में इन दिनों नैनी जेल में निरुद्ध हैं। अपनी बीमार पत्नी शीला सिंह का हालचाल लेने के लिए घर फोन किए थे। वहां मौजूद अपने रिश्तेदार भोपाल सिंह से संक्षिप्त चर्चा में उन्होंने कहा कि अपनी दुकानें खोलने की व्यापारियों की मांग बिल्कुल जायज है और अपेक्षाकृत घटते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार को लॉक डाउन भी पूर्णतः हटाने पर विचार करना चाहिए।
मालूम हो कि उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के लोग सोमवार को डीएम एमपी सिंह से मिल कर दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान खोलने की लिखित गुजारिश की थी। उनका कहना था कि गाजीपुर में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या घटकर 585 पर आ गई है। लिहाजा सरकार के तय मानक के दायरे में गाजीपुर भी आ गया है। डीएम से मिलने वालों में उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के जिलाध्यक्ष अबू फखर खां, महामंत्री श्रीप्रकाश केसरी, उपाध्यक्ष प्रिंस अग्रवाल, आकाशदीप, फराज खां, प्रदीप कुमार आदि थे।
इसी बीच गाजीपुर को भी आंशिक कोरोना कर्फ्यू से मुक्त करने के सोमवार को लिए गए सरकार के फैसले का उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के महामंत्री श्रीप्रकाश केसरी गुड्डू ने स्वागत करते हुए बताया कि गाजीपुर में भी दो जून से दुकानें सुबह सात से शाम सात बजे तक खुलेंगी।
इसीक्रम में जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन अरुण सिंह के प्रतिनिधि राज ठाकुर ने भी सरकार के इस फैसले को गाजीपुर के व्यापारियों के हित में बताते हुए कहा कि गाजीपुर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर प्रभावी अंकुश और पीड़ितों को समय रहते समुचित उपचार की सुविधा मुहैया कराने का श्रेय डीएम एमपी सिंह तथा पुलिस कप्तान डॉ.ओमप्रकाश सिंह को जाता है। इन्हीं दोनों अधिकारियों की सूझबूझ तथा तत्परता का परिणाम है कि कोरोना संक्रमण में वृद्धि पर प्रभावी अंकुश लग पाया है।