भांवरकोल: अंसारी बंधुओं के लिए इस बार सहज नहीं रहेगी जिपं की प्रथम सीट!

भांवरकोल/गाजीपुर (जयशंकर राय)। जिला पंचायत की प्रथम सीट पर जीत इस बार अंसारी बंधुओं के लिए बड़ी चुनौती होगी।
इस सीट को लेकर दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। कई दावेदारों की होर्डिंग, पोस्टर भी टंग गए हैं लेकिन असल तस्वीर आरक्षण की कार्यवाही पूरी होने के बाद ही सामने आएगी। पिछले चुनाव में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। तब अंसारी बंधुओं के सरोज राम ने एकतरफा मुकाबले में कुल छह हजार 404 वोट बटोर कर भाजपा समर्थित सिद्धनाथ राम को दो हजार 403 वोट से हराया था। बल्कि सिद्धनाथ सहित अन्य सभी 11 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। उनमें बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गुलाब राम भी शामिल थे। मात्र 910 वोट लेकर उनको आठवें स्थान पर संतोष करना पड़ा था।
हालांकि इस सीट पर सरोज कुमार की शानदार जीत की असल कहानी के पीछे मऊ के मौजूदा सांसद अतुल राय ने लिखी थी। उन्होंने खुद कड़ी मेहनत के साथ ही सरोज राम को अपनी ओर से हर संसाधन मुहैया कराकर उनको जीत के मुकाम तक पहुंचाया था। तब अतुल राय अंसारी बंधुओं के बेहद करीब थे लेकिन आज हालात बदल चुके हैं। अतुल राय और अंसारी बंधुओं के रिश्ते में खटास आ चुकी है। जाहिर है कि इस बार के चुनाव में अतुल राय का सहयोग अंसारी बंधुओं को नहीं मिलेगा। बल्कि हैरानी नहीं कि चुनाव मैदान में अतुल राय का कोई बंदा अंसारी बंधुओं के प्रत्याशी के विरुद्ध मुकाबिल रहे।
वैसे 2015 से पहले के दो चुनावों पर नतीजों पर गौर किया जाए तो इस सीट पर अंसारी बंधुओं के प्रभुत्व से इन्कार नहीं किया जा सकता है। उनके करीबी राधेमोहन यादव दो बार इस सीट से जिला पंचायत में पहुंचे थे।
अगर इस चुनाव में यह सीट सामान्य अथवा पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित हुई तो लगभग तय है कि राधेमोहन यादव अंसारी बंधुओं की ओर से मजबूती के साथ फिर अपनी दावेदारी पेश करेंगे।
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इस सीट के अन्य प्रमुख दावेदारों में बरौली के निवर्तमान ग्राम प्रधान गयाशंकर यादव, प्रद्युमन यादव के अलावा भाजपा मंडल अध्यक्ष सतीश राय भी शामिल हैं। इस सीट के निर्वाचन क्षेत्र में कुल 17 गांव शामिल हैं। इन गांवों में सांसद अतुल राय का पैतृक गांव वीरपुर और पूर्व जिला पंचायत सदस्य राधेमोहन यादव का जसदेवपुर भी शामिल है।
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