जिला पंचायत सदस्य झाबर सिंह की जमानत अर्जी मंजूर

गाजीपुर। सीएचसी कासिमाबाद इंचार्ज संग कथित मारपीट के मामले में मुख्य आरोपित भाजपा के जिला पंचायत सदस्य राजकुमार सिंह झाबर की जमानत अर्जी बुधवार को स्पेशल जज (एससी-एसटी) चंद्रप्रकाश तिवारी ने मंजूर कर ली।
कासिमाबाद सीएचसी इंचार्ज राजेश कुमार संग मारपीट की कथित घटना दो सितंबर को हुई थी। उस मामले में पुलिस रात के पहर झाबर सिंह के घर सेमउर में कासिमाबाद पुलिस छापामारी कर उन्हें उठा ले गई थी और तब से वह जेल में हैं।
हालांकि पहली अक्टूबर को स्पेशल जज (एससी-एटी) कोर्ट ने झाबर सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी मगर मामले की विवेचना पूरी कर विवेचक सीओ कासिमाबाद बलराम 12 अक्टूबर को उस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किए। सीओ कासिमाबाद की विवेचना में कई आरोपों की पुष्टि नहीं हुई। लिहाजा चार्जशीट में एफआईआर में दर्ज आईपीसी की धारा 307, 333, 147.148 हट चुकी थीं। उसके बाद झाबर सिंह की ओर से स्पेशल जज (एससी-एसटी) कोर्ट में दोबारा जमानत अर्जी पड़ी और अर्जी पर सुनवाई के बाद उसे मंजूरी मिल गई। इससे झाबर सिंह के समर्थक बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि सत्य की जीत है।
यह था पूरा मामला
क्षेत्र के सलेमपुर गांव की महिला आरती राजभर को उसके पड़ोसियों ने मारापीटा था। उसके बाद पुलिस उसे मेडिकल जांच के लिए सीएचसी कासिमाबाद भेजी। आरती राजभर के मुताबिक मेडिकल जांच के बजाए सीएचसी कासिमाबाद इंचार्ज के कहने पर अन्य कर्मचारी उसे मारपीट कर उल्टे पांव भगा दिए। तब वह फोन कर झाबर सिंह से मदद की गुहार लगाई। झाबर सिंह अपने सहयोगियों संग मौके पर पहुंचे मगर उनके संग भी सीएचसी इंचार्ज और अन्य कर्मचारी उलझ गए। उसके बाद झाबर सिंह अपने सहयोगियों संग लौट गए थे। उधर सीएचसी इंचार्ज की ओर से झाबर सिंह तथा उनके तीन साथियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा दी गई। उसके बाद ही पुलिस फोर्स झाबर सिंह के घर रात को पहुंची थी। झाबर सिंह के स्वजनों के अनुसार पुलिस घर में तोड़फोड़ की थी और झाबर को घसीटते हुए अपनी गाड़ी तक ले गई थी। पुलिस की वह कार्रवाई वैसी थी मानो झाबर सिंह दुर्दांत अपराधी हों।
…और राजनीतिक रंग ले लिया था मामला
जिला पंचायत सदस्य झाबर सिंह के विरुद्ध पुलिस की बर्बर कार्रवाई का मामला राजनीतिक रंग ले लिया था। भाजपा कार्यकर्ताओं में उसको लेकर फौरी प्रतिक्रिया हुई थी। हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, समर्थक कासिमाबाद थाना मुख्यालय पर पहुंच गए थे झाबर सिंह को जेल भेजते वक्त पुलिस की गाड़ी तक रोक दिए थे। उस दौरान कार्यकर्ता, समर्थक अपनी ही पार्टी के एमएलसी विशाल सिंह चंचल के विरुद्ध नारेबाजी भी किए थे। उनका कहना था कि एमएलसी अपनी खुन्नस निकालने के लिए पुलिस पर बेजा दबाव बनाए। हालांकि भाजपा का जिला नेतृत्व समूह खुल कर झाबर सिंह के पक्ष में खड़ा हो गया था। बल्कि बताते हैं कि भाजपा के ऊपर के नेताओं ने भी झाबर सिंह की पैरवी की थी। उसके बाद ही पुलिस की निष्पक्ष जांच में कई संगीन धाराएं हटाई गईं। मालूम हो कि झाबर सिंह भाजपा किसान मोर्चा के मंडल उपाध्यक्ष भी हैं और अब हैरानी नहीं कि भाजपा की इलाकाई राजनीति में एमएलसी विरोधियों को नई ताकत मिलेगी।…खुदा खैर करे।