बैंक प्रबंधन के बेजा दबाव से ग्राहक सेवा केंद्रों के संचालक हलकान

गाजीपुर। बैंक प्रबंधन के बेजा दबाव से ग्राहक सेवा संचालक खुद को मानसिक उत्पीड़ित महसूस कर रहे हैं। कई संचालक न चाहते हुए भी अपना केंद्र बंद कर चुके हैं।
पीड़ित इलाहाबाद बैंक की कठवामोड़ केंद्र संचालक कुसुम सिंह कुशवाहा ने बताया कि इंडियन बैंक में विलय के बाद से उत्पीड़न और बढ़ गया है। बैंकों के उच्चाधिकारी भारत सरकार की बीमा और पेंशन योजनाओं में खुद की उपलब्धि दिखाने के लिए ग्राहक सेवा के संचालकों पर नाहक टारगेट थोप दे रहे हैं और इसके लिए बेजा दबाव बना रहे हैं। यहां तक की सेवा केंद्र बंद करने की धमकी देते रहते हैं। मजबूरी में केंद्र संचालकों को ग्राहकों से अनुनय विनय और जोर जबरदस्ती तक करनी पड़ती है। नतीजा केंद्र संचालक ऊपर से ग्राहकों की भी नाराजगी मोल ले रहे हैं।
केंद्र संचालक श्रीमती कुशवाहा ने ऊपर के अधिकारियों से स्वंय को मिले उत्पीड़न का किस्सा सुनाते हुए बताया कि बिना किसी पूर्व सूचना के बीते 29 जून को उनका एकाउंट बंद कर दिया गया। अगले दिन वह बैंक की यूसुफपुर-मुहम्मदाबाद ब्रांच से चेक के जरिये रुपये निकालने की कोशिश की तो तब पता चला कि उनका एकाउंट बंद कर दिया गया है। उन्होंने इसकी सिकायत जोनल ऑफिस में कि वहां तल्ख स्वर में जवाब मिला कि उनके एकाउंट से रुपये नहीं निकलेंगे और ज्यादा दबाव बनाया गया तो उनका केंद्र बंद कर दिया जाएगा। यहां तक धमकी दी गई कि वह जहां चाहें शिकायत करें लेकिन कुछ नहीं होगा।