लट्ठूडीह के होनहार नीलांशु राय बने भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट

गाजीपुर। बिरले ही नौजवान होते हैं, जिन्हें अपने परिवार में शुरू हुई गौरवमयी परंपरा को आगे बढ़ाने का मौका मिलता है। करीमुद्दीनपुर क्षेत्र के लट्ठूडीह गांव के नीलांशु राय ऐसे ही नौजवान हैं, जिन्होंने अपनी मेधा के बूते यह खुशनसीबी हासिल की है। भारतीय सेना अकादमी (आईएमए) देहरादून में शनिवार को हुई पासिंग आउट परेड के बाद वह विधिवत भारतीय सेना का लेफ्टिनेंट बन गए। बहैसियत सर्बोच्च कमांडर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेड की समीक्षा की और पास आउट हो रहे जेंटलमैन कैडेटों की सलामी ली।
नीलांशु राय अपने परिवार के तीसरे सदस्य हैं, जो भारतीय सेना के अफसर बने हैं। उनके चाचाश्री श्यामसुंदर राय सेवानिवृत्त कर्नल हैं और बड़े चचेरे भाई कर्नल अनुपम राय मद्रास रेजीमेंट में तैनात हैं। नीलांशु को सैन्य अधिकारी बनने की प्रेरणा अपने इन्हीं दोनोंजनों से मिली। अब जबकि नीलांशु लेफ्टिनेंट बन गए हैं तब उनके परिवार समेत पूरा लट्ठूडीह गांव और क्षेत्र के लोग खुश हैं। लट्ठूडीह में ही रहकर खेतीबारी करने वाले नीलांशु के सबसे बड़े चाचा घनश्याम नारायण राय अपने छोटे भतीजे की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। उनकी दिली ख्वाहिश है कि नीलांशु अपने क्षेत्र में और ऊंचाई हासिल करे। एक महान सैन्य अधिकारी बने। पूरी कर्तव्यनिष्ठा, समर्पण के साथ अपने देश की सेवा करे।
नीलांशु के पिता सुधीर राय तथा मां नीलम राय उनकी पासिंग आउट परेड के साक्षी बने और अपने प्रतिभाशाली, जांबाज पुत्र के कंधों पर सैन्य अधिकारी का स्टार लगाकर खुद को गौरवान्वित सहसूस किए। नीलांशु की शुरुआती शिक्षा गांव में हुई। उसके बाद हाई स्कूल तक की पढ़ाई कोलकाता में पूरी करने के बाद वह अपने चाचा कर्नल श्यामसुंदर राय के यहां लखनऊ आ गए और आर्मी पब्लिक स्कूल नेहरू रोड, लखनऊ से अपनी स्कूली शिक्षा के अंतिम दो वर्ष पूरे किए।फिर उन्होंने एनडीए/एनए की परीक्षा दी और लिखित, एसएसबी को पास किया। जनवरी 2018 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला में प्रवेश लिए। दिसंबर 2020 में एनडीए से अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, वह जनवरी 2021 में आईएमए देहरादून गए। जहां एक जेंटलमैन कैडेट के रूप में औपचारिक अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त किए।