अंसारी बंधुओं के लिए कौन बनेगा ‘बलि का बकरा’

भांवरकोल/गाजीपुर (जयशंकर राय)। वैसे तो गाजीपुर में कुल 16 ब्लॉक प्रमुख के पद हैं लेकिन भांवरकोल ब्लॉक प्रमुख के चुनाव पर जिले भर के लोगों की निगाह लगी हुई है। एक तो यह ब्लॉक अंसारी बंधुओं का गढ़ माना जाता है। दूसरे इस बार उनकी धूर विरोधी मुहम्मदाबाद विधायक अलका राय का परिवार उनसे सीधे मुकाबिल होने की पूरी तैयारी में है। परिवार की बहू श्रद्धा राय पत्नी आनंद राय मुन्ना ने ब्लॉक प्रमुख पद पर दावेदारी ठोक दी है।
यह पहला मौका होगा जब विधायक अलका राय का परिवार पंचायत चुनाव में सीधी दखल देगा। बीडीसी की दो सीटों पर चुनाव जीतने के बाद से ही परिवार प्रमुख पद के अभियान में पूरे दमखम से जुटा है। बल्कि उनके इस अभियान से जुड़े लोगों का तो दावा है कि 96 सदस्यीय क्षेत्र पंचायत में अपनी ‘रणनीति’ से वह काम भर सदस्यों को अपने पाले में कर भी चुके हैं।
हालांकि विधायक परिवार के इस अभियान की शुरुआत में अपनी ही पार्टी भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय शंकर राय के परिवार से कड़ी चुनौती मिलने का खतरा दिख रहा था। इस परिवार की बहू शोभा राय पत्नी योगेश राय का अभियान भी विधायक परिवार के अभियान के समनांतर चल रहा था। उस अभियान की कमान खुद विजय शंकर राय अपने हाथ में लिए थे। तब उनकी रणनीति विधायक परिवार की एंटी लॉबी की पालेबंदी अपने लिए करने की दिख रही थी लेकिन यह रणनीति विजय शंकर राय के ही ‘अति उतावलेपन’ में एकदम से उलट गई। वह समर्थन मांगने के लिए एक दिन सांसद अफजाल अंसारी को फोन लगा दिए। करीब 20 मिनट की उनकी बतकही की ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। यह ऑडियो क्लिप आखिर सार्वजनिक कैसे हुई यह तो नहीं मालूम लेकिन यह जरूर है कि सोशल मीडिया पर जहां से वायरल हुई, उनमें ज्यादातर के हैंडलर भाजपा के ही रहे। इस हालात में विजय शंकर राय की अब क्या रणनीति होगी। यह तो आगे पता चलेगा लेकिन उनके अभियान से जुड़े लोग जरूर ‘थऊंस’ गए लग रहे हैं।
इस दशा में इलाकाई राजनीतिक पंडित भी मानने लगे हैं कि प्रमुख का यह प्रतिष्ठापरक चुनाव विधायक अलका राय के परिवार के लिए लगभग एकतरफा हो चुका है। उधर वायरल ऑडियो क्लिप से यह साफ हो चुका है कि अंसारी बंधु किसी भी दशा में अपनी ओर से विधायक परिवार को वाकओवर देकर निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख नहीं बनने देंगे। वायरल ऑडियो में सांसद अफजाल अंसारी यह लगभग कबूलते सुनाई पड़ रहे हैं कि क्षेत्र पंचायत में उनका संख्या बल कम है लेकिन वह प्रमुख के लिए अपना उम्मीदवार जरूर उतारेंगे। इस क्रम में वह निवर्तमान प्रमुख अंजू यादव का नाम लेते हुए यह भी कहते हैं कि बीरेंद्र यादव (अंजू के ससुर) अपनी ग्राम पंचायत में प्रधान तक का चुनाव हार गए हैं लेकिन उनके पास और भी ऐसे चेहरे हैं।