च्यवनप्राश पर विश्वास, आइसक्रीम बेस्वाद

गाजीपुर (राहुल पांडेय)। कोरोना ने जहां पूरे सिस्टम को अस्त-व्यस्त कर दिया है वहीं बाजार में भी उलटफेर कर दिया है। गर्मी और मांगलिक लग्न शुरू होने के साथ ही आइसक्रीम की डिमांड होने लगती है जबकि च्यवनप्राश का बाजार जाड़े के मौसम में चढ़ता है लेकिन कोरोना में यह सब उलट गया है। आइसक्रीम की मांग लगभग खत्म हो चुकी है। च्यवनप्राश की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।
बाजार की पड़ताल में इस प्रतिनिधि ने आयुर्वेदिक दवा की प्रमुख कंपनी वैद्यनाथ के वितरक श्रवण अग्रवाल ने बताया कि पहले च्यवनप्राश की मांग जाड़ा आने के साथ शुरू होती थी लेकिन इस बार गर्मी में भी च्यवनप्राश का बाजार टाइट हो गया। अब बरसात शुरू हो गई है। फिर भी च्यवनप्राश की मांग बढ़ती जा रही है। कोरोना से बचने के उपाय में लोग अपने शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश ले रहे हैं। पहले घरों में उम्रदराज लोग इसका सेवन करते थे लेकिन अब हर वय इसे नियमित लेने लगा है।
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शम्में गौसिया आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, सहेड़ी के प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार ने बताया कि च्यवनप्राश आंवला, अश्वगंधा, तुलसी, नीम, केशर, दालचीनी, तेजपत्ता, लौंग, इलाइची इत्यादि के मिश्रण से तैयार होता है। यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ही कोरोना वायरस लड़ सकता है। शहर के प्रमुख आयुर्वेदाचार्य हर्षवर्धन ने भी कमोवेश यही बता बताई।

कोरोना के कहर में आइसक्रीम का बाजार लगभग पूरी तरह चौपट हो गया है। शहर के प्रमुख प्रतिष्ठान अग्रवाल स्वीट्स महुआबाग के प्रोपराइटर रिंकू अग्रवाल बताते हैं- गर्मी का पूरा मौसम बीत गया। बरसात शुरू है। शादी विवाह के लग्न भी खत्म हो गया मगर आइसक्रीम की डिमांड गिरती ही गई। मौजूदा वक्त में बमुश्किल 25-30 फीसद ही रह गई है। इसका कारण कोरोना से बचने के लिए अति ठंडे खाद्य पदार्थों से परहेज करने की डॉक्टरों की सलाह है। आइस फैक्ट्री नुरूद्दीनपुरा के संचालक संदीप सिंह कुशवाहा ने कहा कि अब वह अपनी फैक्ट्री बंद कर चुके हैं। उनसे जुड़े 15 लोग बेरोजगार हो गए हैं और वह खुद कोई दूसरा कारोबार शुरू करने की तैयारी में हैं। सिंह हॉस्पिटल के निदेषक डॉ. राजेश सिंह कहते है कि इस महामारी में आइसक्रीम से परहेज करना निहायत जरूरी है। मौसम में उतार चढ़ाव जारी है। ऐसे में आइसक्रीम से गले में इंफेंक्शन का खतरा बढ़ जाता है और कोरोना के इस दौर में यह इंफेक्शन ठीक नहीं है।